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हिंदी अध्ययनशाला का प्रारंभ इसी सत्र से किया गया है अतः अभी यहाँ मुख्य रूप से भाषाई एवं साहित्यिक अध्ययन पर जोर दिया जा रहा है। यहाँ स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर विधिवत अध्ययन- अध्यापन कार्य शुरू हो गया है। हिंदी के प्रतिनिधि रचनाकारों के साथ ही छत्तीसगढ़ी माटी से जुड़े रचनाकारों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।